Wednesday, March 4, 2015

ये कैसा सम्मान है ?

ये कैसा सम्मान है ? कि बलात्कारी का साक्षात्कार ८ मार्च यानि महिला दिवस के दिन दिखाया जाये। जबकि उसके मन में एक निर्दोष लड़की का  बलात्कार करके और फिर उसे  मारने के बाद कहीं भी किसी तरह का कोई भी पछतावा नहीं , बल्कि वो तो लड़की को ही दोषी कह रहा है. कौन से लड़की अच्छी है ? कौन से बुरी है ?यह बता रहा है  लड़कियों को क्या करना चाहिये , क्या नहीं ? यह वो दोषी निश्चित करेगा जिसने इतना बड़ा कुकृत्य किया। फिर भी उससे हुई बातचीत को टी वी पर दिखाने की क्या वजह ? उसने कौन सा महान काम किया है जिसके लिए उसका  साक्षात्कार किया निर्देशक @Leslee Udwin ने. 

लोग इस डाक्यूमेंट्री के बारे में भी तरह - तरह की बातें कर रहे हैं।  कोई कह रहा है यह पत्रकारिता पर रोक है इस पर रोक लगाना सही नही है। कोई कह रहा है यह डाक्यूमेंट्री भारत की प्रतिष्ठा को आघात पंहुचाने की कोशिश है. इस फिल्म से बलात्कारी की मानसिकता का परिचय मिलता है. कौन से मानसिकता की बात कर रहे हैं लोग ? 

क्या अब भी लोगों को उसकी मानसकिता जानने की जरूरत है ? उसने एक लड़की का बलात्कार किया और उसे मार दिया और फिर भी उसे किसी भी तरह की शर्म नही है उस पर इस तरह का बयान। यह भारत की प्रतिष्ठा पर आघात से ज्यादा महिलाओं के सम्मान पर आघात है.  

महिला दिवस पर बलात्कारी को फांसी पर लटका कर सम्मान दिया जाना चाहिये जिससे अन्य दूसरे बलात्कारियों के मन में भी भय हो और उसे अपने कुकृत्य पर शर्मिन्दा बजाय कुछ भी बोलने में संकोच और शर्म हो।        
#womensday #insultednirbhya #betibachao #BBC

No comments:

Post a Comment