आज कल एक गाना बहुत
लोकप्रिय हो रहा है “जुम्मे की रात है चुम्मे की
बात है” तो क्या जुम्मे की रात में
ही चुम्मे की संभावना है, ना - ना यहाँ संभावना
सेठ की बात नही हो रही बल्कि यहाँ बात हो रही है किसी विशेष दिन या रात की जब
चुम्मा संभव हो. क्या एक चुम्मे के लिए पूरे सप्ताह का इंतज़ार करना ठीक है या इस
दिन सॉरी - सॉरी रात में कुछ विशेष आनंद बरसता है.
बहुत साल पहले भी
यानि १९९१ में भी बिग बी ने जुम्मा से जुम्मा के दिन चुम्मा माँगा था लेकिन तब
उन्होंने दिन में मांगा था यह रात में नही. अब चल रहा है २०१४ यानि कि २३ साल बाद हम
आधुनिक हो गए हैं दिन की बजाय रात की बात करने लगे हैं अपने गीतों में. लेकिन इतने
सालों बाद भी चुम्मा सिर्फ जुम्मा पर ही अटका हुआ है. क्यों वीक डेज में यह् काम नही
हो सकता या जुम्मे से ही वीकेण्ड की शुरुआत आज प्रचलन में है इसलिए.
‘जुम्मे की रात है चुम्मे
की बात है” गीत का संयोग देखिये फ़िल्म
में यह फिल्माया गाया है सो काल्ड वर्जिन सलमान खान पर और इसे गाया है चुम्मा
स्पेशलिस्ट मिका पाजी ने. यह गाना सुनकर हमारे सीरियल किसर बेचारे इमरान हाश्मी
बहुत गश खाते होंगे कि नाम तो उनका बदनाम है फिल्मों में चुम्मे के लिए जबकि जोर
- जोर से गाना गाकर मांग रहे हैं दूसरे नायक इसे.
कल फिर जुम्मा है तो
आप सभी इस लेख को पढ़ने वाले तैयार हो जाइए नही तो फिर अगले जुम्मे का इंतज़ार करना
होगा.
क्योंकि अगर आप बिग बी और सलमान खान या फिर मिका के प्रशंसक हैं तो उनकी बात का कुछ तो मान आपको रखना ही चाहिए.