कुछ लिख रहे थे आज कुत्ते पालना फैशन बन गया है, कुत्ते के मरने पर इतना अफ़सोस और गाय के मरने पर कुछ भी शोक नहीं करते लोग। कुत्ते पालने वाले की शक्लें भी मुझे तो कुत्तों जैसी ही लगती है और भी जोकुछ उनके गंदे दिमाग में आ रहा था।
ऐसा नहीं है कि गाय के मरने पर किसी को अफ़सोस नहीं होता है जिसके घर की गाय होती है उससे पूछिये उसे कितना दर्द होता होगा। इसी तरह कुत्ते के मरने पर भी दर्द होता है। क्योंकि गाय हो या कुत्ता या बैल या तोता वो घर का एक सदस्य होता है और उसके इस तरह जीवन से विदा लेने पर तकलीफ होती ही है।
दस - बारह साल जो भी जीव आपके साथ रहता उससे घर के हरेक सदस्य का जुड़ाव होना लाजिमी है।
जिसकी पीर होती होती है वही उसका दर्द भी जानता है जब तक आप कोई पालतू अपने घर नहीं पालेंगे आपको इस प्यार, इस लगाव और उसके बिछुड़ने पर दर्द महसूस नही होगा।
इसलिए बिना सोचे समझे और जाने अपनी कड़वी जुबाँ बंद रखिये। इसी
तरह बकवास करते रहेंगे तो आपके जाने पर भी किसी को दर्द नहीं होगा।
तरह बकवास करते रहेंगे तो आपके जाने पर भी किसी को दर्द नहीं होगा।