Monday, February 18, 2019

दर्शन श्री काशी विश्वनाथ के

पिछले दिनों बनारस यानि काशी जाना हुआ तो स्वाभाविक ही था कि हम श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन लिये भी जायेगें ही। हमें दर्शन तो करने थे बहुत करीब से भगवान शिव के,  लेकिन कैसे सम्भव हो इसकी जानकारी हमें बिलकुल ही नहीं थी।  वहाँ पंहुच कर किसी जानकार ने बताया कि अगर आपको मंगला आरती करनी हो और भगवान का श्रृंगार देखना हो तो आजकल यह सब सम्भव है टिकट खरीदिये और आधी रात ढाई बजे पँहुच कर कर किसी विशेष गेट पर लाइन में लग कर अंदर मंदिर में प्रवेश कर आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकते हैं। हमने अपने मित्र के कहे अनुसार सब किया  और मंदिर के प्रांगण में बाकायदा लाइन में लग कर पंहुच गये  दर्शन के लिये।  रात ३ बजे से ४ बजे भोर तक बाबा का श्रृंगार और आरती देखी थोड़ी दूर से, क्योंकि नंबर के मुताबिक ही अंदर बैठने को मिला। हमने आरती मंगला बहुत अच्छे से देखी हर हर महादेव की घोष से सारा मंदिर गुँजायमान था।सारी व्यवस्था बहुत ही अच्छी थी। 
 जैसे कि सभी को पता है ,हमारे यहाँ लोगों में धैर्य बिलकुल भी नहीं है।  हर कोई चाहता है कि सबसे पहले वो ही बाबा के दर्शन कर लें।  इसके चलते थोड़ी धक्का मुक्की भी हो गयी, शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए लाया गया दूध भी लोगों पर गिरने लगा। पण्डित जी आरती भी भक्तों के लिए लेकर आये उसमें भी हर किसी को  पहले आरती लेनी थी , ऐसे में जो लम्बा था उसने छोटे कद वाले को दबा दिया।  इतना भी सब अच्छा था  लेकिन जैसे ही मंदिर के गर्भ गृह में जाने का नंबर आया भीड़ बेकाबू , जैसे - तैसे अन्दर पँहुचे किसी ने शिवलिंग पर जल चढ़ाया , किसी ने नहीं , कोई लेट पर धोक खाने लगा तो कोई ऐसे ही धक्के के साथ बाहर आ गया। 

मंदिर बाहर की बाहर की व्यवस्था तो फिर भी ठीक थी लेकिन मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिलकुल खराब थी।  मंदिर के चार दरवाजे थे तीन से लोग दर्शन के लिए आ रहे थे और एक दरवाजे से पुलिस वाले हाथ पकड़ कर बाहर निकाल रहे थे. क्या तरीका है इतनी दूर दूर से भक्त  आते हैं  मंगला आरती के लिए, बाबा के दर्शन के लिए, कम से कम एक बार स्पर्श तो करने का अनुभव मिले। लेकिन सब बेकार वहाँ जाकर लगा कुछ निराशा ही हाथ लगी। 
मुझे नहीं पता था कि आरती , दर्शन सब की ऑनलाइन बुकिंग होती है 
( https://shrikashivishwanath.org/# ) इसलिए अब जब जाये बनारस और बाबा के दर्शन करना चाहे तोऑनलाइन बुकिंग करवायें तो ज्यादा अच्छा है। 
हर हर महादेव। 

पुलवामा एनकाउंटर

पुलवामा अटैक के बाद हुआ पुलवामा एनकाउंटर,जो कुछ भी आज भारत सरकार कर रही है , यह सब बहुत पहले हो जाना चाहिये , क्यों इतनी देर लगायी सरकार ने ? जबकि आतंकवादी या सीधे - सीधे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान हमेशा से यही करता आ रहा है. लेकिन अबकी बार मोदी सरकार वाली सरकार तो पाकिस्तान जाकर गलबहियाँ करने में व्यस्त थी। आम, शॉल और प्रोटोकॉल तोड़ कर अपने सम्बन्ध कायम करने की कोशिश कर रही थी। इन्हें समझ ही नहीं आया क्यों इससे पहले वाली सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत बंद कर रखी थी।  यह अपने आप में खुश कि जो काम पहले सरकारें नहीं कर सकीं वो काम मैं करूँगा।  जब विपक्ष में थे तब एक सर के बदले १० सर लाने की बातें करते थे और फिर सरकार बनते ही  जा बैठे पाकिस्तान की गोदी में , जबकि पाकिस्तान एक ऐसा आतंकवादी देश है जो आज़ादी के ७० साल बाद भी नहीं सुधरा है और यह सुधरेगा भी नहीं जब तक उसका हम सफाया नहीं करेगें।  निर्दोष तो अब भी मर ही रहे हैं क्यों न दुनियाँ से इसका नामोनिशान मिटाते समय शहीद हों।  
पाकिस्तान ने उरी अटैक किया हमने भी सर्जिकल स्ट्राइक की।  पाकिस्तान ने फिर २ साल बाद घिनौनी हरकत की। हम फिर बदला ले रहे हैं। अच्छा है कि ऐसे समय में सारा देश - विपक्ष भी एक साथ है.  सरकार को भी अब समझ में आया कि कैसे पाकिस्तान का विश्व मानचित्र से कैसे गायब करना है। 
 कोई नहीं,  देर आयद दुरुस्त आयद।