Wednesday, December 25, 2019

बलात्कारी की सज़ा फाँसी या एनकाउंटर या ?


पिछले दिनों हैदराबाद में बलात्कारियों का जो एनकाउंटर हुआ वो सही था या गलत इसके पीछे तो लोगों में बहस छिड़ी ही हुई है. लेकिन इस एनकाउंटर के पीछे भी हमारी लचर भारतीय कानून व्यवस्था  ही है जो गुनाहगार साबित होने के बाद भी सज़ा देने में बहुत देरी कर देता है।  निर्भया केस को ही ले लीजिये अगर समय रहते उसके दोषियों को सज़ा हो जाती तो कितना अच्छा होता। लोगों में कानून पर विश्वास और बढ़ जाता और शायद २०१२ के बाद जितने भी वीभत्स बलात्कार हुए शायद नहीं होते, लेकिन कुछ नहीं हुआ और जिसके चलते बलात्कारों की संख्या में लगातार वृद्धि ही होती रही। आँकड़े गवाह हैं -- जहाँ २०११ में ५७२ बलात्कार के मामलें दर्ज हुए वहीं  २०१६ में २१५५ दर्ज हुए।  २०१२ में  जहाँ सारा देश निर्भया के साथ था और गुनाहगारों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था , फाँसी की सज़ा भी सुना दी गयी थी फिर भी १३२ फीसदी वृद्धि ही हुई। यानि लोगों में कानून को लेकर कोई डर ही नहीं है। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट की माने तो देश में हर घंटे में ४ रेप यानि हर १४ मिनट में १ रेप होता है। बलात्कार के मामलें में मध्य प्रदेश सबसे अव्वल आता है फिर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है। २०१२ में हुई  इस दुर्घटना के  इतने सालों के बाद भी निर्भया के गुनाहगार जेल में हैं हालांकि उन्हें फाँसी होनी तय है फिर किस बात की देरी ? क्या उन्होंने निर्भया के साथ कुछ करने से पहले कुछ सोचा नहीं न ,फिर  इतने सालों तक क्यों अपराधी पल रहे  हैं। 

 अभी बहुत सारे मसले हैं जिन पर समय रहते कुछ हुआ होता तो कुछ बेहतर हो सकता था।  मैं बात कर रही हूँ उस लड़की की जो उन्नाव में जला कर मारी दी गयी। उस बलात्कारी को सही सज़ा मिली होती और फाँसी पर वो लटका होता तो आज वो बेचारी बच्ची ज़िंदा होती। लेकिन उस बलात्कारी ने जमानत से छूटते ही लड़की को जला दिया। अभी भी इस केस में ज्यादा कुछ तसल्ली लायक कुछ हुआ नहीं है। अब लड़की के परिवार वालों ने भी दोषियों के साथ हैदराबाद की तरह ही सज़ा देने ( एनकाउन्टर करने )  की मांग की है। तो क्या हम समझें कानून से कुछ होने वाला नहीं है अब बस एनकाउंटर के जरिये ही बलात्कारियों सज़ा मिलेगी। हालांकि इस तरह से एनकाउंटर का होना और दोषियों का मारना किसी भी तरह से सवैंधानिक नहीं हैं लेकिन क्या करें हमारे देश में बाबा आदम के जमाने के  ही नियम कानून अभी तक चल रहे हैं. इसी से सारे देश में  रोष है।  वैसे ऊपर से चाहे लोग इस एनकाउन्टर को असवैंधानिक जरूर कह रहे हैं लेकिन अंदर ही अंदर सभी खुश हैं क्योंकि इतनी जल्दी कभी भी किसी को न्याय नहीं मिला है। 

क्या ऐसा एनकाउन्टर उन लोगों पर भी लागू हो सकता है जो रसूख वाले हैं , नेता हैं, वैसे इसकी उम्मीद बहुत कम है।  जी हाँ -यहाँ  जिक्र हो रहा है एम एल ए कुलदीप सेंगर का जो बलात्कार और हत्या के मामलें में दोषी हैं।  इसी तरह स्वामी चिन्मयानंद पर भी बलात्कार के आरोप हैं। ऐसे ही बहुत सारे रेप केस हैं जिन्हें फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुलझाया सकता है जिससे दोषियों को सज़ा मिले और पीड़ित को राहत मिलें। लेकिन ऐसा होता नहीं है।  कितनी सरकारें आयी - गयी महिलाओं की स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है अगर हुआ होता तो रेप की संख्या बढ़ने की बजाय घटती। 

ऐसा ही रहा  तो और देश में अनेकों एनकाउन्टर होंगे और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।  बलात्कार का दोषी जितना बलात्कारी है उतना ही हमारे देश का कानून जो पीड़ित को सही समय पर न्याय नहीं देता।  यही वजह है कि आज लोगों का विश्वास कानून की बजाय  एनकाउन्टर पर है। क्या हमारे देश में अब बलात्कारी की सज़ा एनकाउन्टर हो गयी है ?

Monday, February 18, 2019

दर्शन श्री काशी विश्वनाथ के

पिछले दिनों बनारस यानि काशी जाना हुआ तो स्वाभाविक ही था कि हम श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन लिये भी जायेगें ही। हमें दर्शन तो करने थे बहुत करीब से भगवान शिव के,  लेकिन कैसे सम्भव हो इसकी जानकारी हमें बिलकुल ही नहीं थी।  वहाँ पंहुच कर किसी जानकार ने बताया कि अगर आपको मंगला आरती करनी हो और भगवान का श्रृंगार देखना हो तो आजकल यह सब सम्भव है टिकट खरीदिये और आधी रात ढाई बजे पँहुच कर कर किसी विशेष गेट पर लाइन में लग कर अंदर मंदिर में प्रवेश कर आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकते हैं। हमने अपने मित्र के कहे अनुसार सब किया  और मंदिर के प्रांगण में बाकायदा लाइन में लग कर पंहुच गये  दर्शन के लिये।  रात ३ बजे से ४ बजे भोर तक बाबा का श्रृंगार और आरती देखी थोड़ी दूर से, क्योंकि नंबर के मुताबिक ही अंदर बैठने को मिला। हमने आरती मंगला बहुत अच्छे से देखी हर हर महादेव की घोष से सारा मंदिर गुँजायमान था।सारी व्यवस्था बहुत ही अच्छी थी। 
 जैसे कि सभी को पता है ,हमारे यहाँ लोगों में धैर्य बिलकुल भी नहीं है।  हर कोई चाहता है कि सबसे पहले वो ही बाबा के दर्शन कर लें।  इसके चलते थोड़ी धक्का मुक्की भी हो गयी, शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए लाया गया दूध भी लोगों पर गिरने लगा। पण्डित जी आरती भी भक्तों के लिए लेकर आये उसमें भी हर किसी को  पहले आरती लेनी थी , ऐसे में जो लम्बा था उसने छोटे कद वाले को दबा दिया।  इतना भी सब अच्छा था  लेकिन जैसे ही मंदिर के गर्भ गृह में जाने का नंबर आया भीड़ बेकाबू , जैसे - तैसे अन्दर पँहुचे किसी ने शिवलिंग पर जल चढ़ाया , किसी ने नहीं , कोई लेट पर धोक खाने लगा तो कोई ऐसे ही धक्के के साथ बाहर आ गया। 

मंदिर बाहर की बाहर की व्यवस्था तो फिर भी ठीक थी लेकिन मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिलकुल खराब थी।  मंदिर के चार दरवाजे थे तीन से लोग दर्शन के लिए आ रहे थे और एक दरवाजे से पुलिस वाले हाथ पकड़ कर बाहर निकाल रहे थे. क्या तरीका है इतनी दूर दूर से भक्त  आते हैं  मंगला आरती के लिए, बाबा के दर्शन के लिए, कम से कम एक बार स्पर्श तो करने का अनुभव मिले। लेकिन सब बेकार वहाँ जाकर लगा कुछ निराशा ही हाथ लगी। 
मुझे नहीं पता था कि आरती , दर्शन सब की ऑनलाइन बुकिंग होती है 
( https://shrikashivishwanath.org/# ) इसलिए अब जब जाये बनारस और बाबा के दर्शन करना चाहे तोऑनलाइन बुकिंग करवायें तो ज्यादा अच्छा है। 
हर हर महादेव। 

पुलवामा एनकाउंटर

पुलवामा अटैक के बाद हुआ पुलवामा एनकाउंटर,जो कुछ भी आज भारत सरकार कर रही है , यह सब बहुत पहले हो जाना चाहिये , क्यों इतनी देर लगायी सरकार ने ? जबकि आतंकवादी या सीधे - सीधे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान हमेशा से यही करता आ रहा है. लेकिन अबकी बार मोदी सरकार वाली सरकार तो पाकिस्तान जाकर गलबहियाँ करने में व्यस्त थी। आम, शॉल और प्रोटोकॉल तोड़ कर अपने सम्बन्ध कायम करने की कोशिश कर रही थी। इन्हें समझ ही नहीं आया क्यों इससे पहले वाली सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत बंद कर रखी थी।  यह अपने आप में खुश कि जो काम पहले सरकारें नहीं कर सकीं वो काम मैं करूँगा।  जब विपक्ष में थे तब एक सर के बदले १० सर लाने की बातें करते थे और फिर सरकार बनते ही  जा बैठे पाकिस्तान की गोदी में , जबकि पाकिस्तान एक ऐसा आतंकवादी देश है जो आज़ादी के ७० साल बाद भी नहीं सुधरा है और यह सुधरेगा भी नहीं जब तक उसका हम सफाया नहीं करेगें।  निर्दोष तो अब भी मर ही रहे हैं क्यों न दुनियाँ से इसका नामोनिशान मिटाते समय शहीद हों।  
पाकिस्तान ने उरी अटैक किया हमने भी सर्जिकल स्ट्राइक की।  पाकिस्तान ने फिर २ साल बाद घिनौनी हरकत की। हम फिर बदला ले रहे हैं। अच्छा है कि ऐसे समय में सारा देश - विपक्ष भी एक साथ है.  सरकार को भी अब समझ में आया कि कैसे पाकिस्तान का विश्व मानचित्र से कैसे गायब करना है। 
 कोई नहीं,  देर आयद दुरुस्त आयद।