कुछ नही बदला तब से अब तक , १६ दिसम्बर आने में कुछ ही घंटे शेष हैं २ साल पहले की दिल्ली की वो वीभत्स घटना जिसमें कुछ राक्षसों ने एक लड़की का बस में बलात्कार तो किया ही और अपने हवस पूरी करने के बाद उसके साथ ऐसा निदर्यता और निर्लज़्ज़्ता से भरपूर ऐसा अनैतिक अत्याचार किया जिसके बारें में सोच कर ही रूह काँप जाती है। उस लड़की जिसे बाद में निर्भया का नाम दिया गया अपने साथ हुए अत्याचार के बाद कुछ दिन अस्पताल में रहकर इस दुनिया से विदा हो गयी।
निर्भया का पक्ष लेते हुए दिल्ली के साथ - साथ पूरे भारत में जुलूस निकले , रैलियां निकली , मोमबत्तियां लेकर मार्च हुए लेकिन इस सबके बावजूद क्या हुआ ? तब से लेकर अब तक क्या बदला कुछ भी नही बदला। आज भी वैसे ही लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहे हैं ?
पिछले दिनों भी दिल्ली में एक टैक्सी में एक के लड़की के साथ ड्राइवर ने बलात्कार किया। पुलिस ने उसे जल्दी ही पकड़ लिया, पूछताछ के बाद पता चला कि वो ड्राइवर पहले भी बलात्कार के मामले में जेल जा चुका है और ६ महीने जेल में रहा। इसके अलावा वो कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। जब एक बलात्कार की सजा सिर्फ ६ महीने मिलती है तब तो लोगों की हिम्मत बढ़ेगी ही इतनी सी सज़ा काट कर वो जेल से बाहर निकलेगा कुछ जुर्म करेगा साथ में कुछ लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनायेगा ६ महीने जेल जायेगा वहां से हट्टा कट्टा होकर बाहर निकलेगा।
कुछ नही होगा जब तक कानून सख्त नही बनेगें , कड़ी सज़ा नही मिलेगी अपराधियों में डर नही होगा, जुर्म करते ही रहेगें अपराधी । २ साल भी बाद भी उन ५ गुनाहगारों को सज़ा नही हुई है जिन्होंने एक लड़की को मार दिया।
कितनी भी सरकारें बदले लड़कियों की सुरक्षा के लिए कोई भी कड़े नियम नही बनते , क्या नियम बनेगें जब नेता ही जब - तब लड़कियों के चरित्र , उनके पहनावे के बारें में अपशब्द कहते हैं।
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