Monday, September 22, 2014

कहाँ जाये ये बेचारी विधवायें ?

ड्रीम गर्ल यानि अभिनेत्री #हेमा मालिनी ने पिछले दिनों मथुरा और वृन्दावन में दूसरे राज्यों से आयी विधवाओं के बारें में ऐसा कुछ कहा कि सारे देश में उनकी इस बात को लेकर चर्चा आम हो गयी।  उनका कहना है कि  मथुरा - वृंदावन में  करीब  ४०हज़ार विधवायें हैं अब #बिहार और #बंगाल से विधवायें आकर यहाँ ज्यादा भीड़ न बढ़ाये। उन राज्यों में भी प्रसिद्ध मंदिर है तो वो वहां भी रह सकती हैं।  

सही कहा हेमा मालिनी ने वो वहां रह सकती हैं क्यों वो अपना घर , राज्य छोड़कर दूसरे जगह  दर - दर भीख मांगने को भटकती हैं।  एक कुत्ते से ज्यादा उनकी औकात नही हैं उन बेचारी विधवाओं की। लेकिन कहाँ जाये ये बेचारी जिनके घर वाले बहाने से वहां उन्हें खुद छोड़ जाते हैं। वो खुद अपनी इच्छा से अपना घर नही छोड़ती। सब जानते हैं मथुरा - वृंदावन के मंदिरों और आश्रमों में उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।  उनका शारीरिक शोषण तो होता ही है।  उन्हें न भरपेट भोजन मिलता और न ही बीमार होने पर उन्हें कोई चिकित्सा की जाती है। फिर भी उनका कोई ठिकाना नही। 

४० हज़ार विधवाओं के रहने की चिंता वहां की सांसद हेमा मालिनी को होना स्वाभाविक है कि  अगर दूसरे राज्यों से विधवायें उनके शहर में आयेगी तो वो रहेगी कहाँ क्योंकि जो पहले ही रह रही हैं उनकी स्थिति कौन से अच्छी है। विधवाओं के बारें में सोचना अच्छी बात है हेमा जी बाहर से आ रही विधवाओं की चिंता करें साथ में वहां जो पहले से रह रही हैं उन्हें शोषित होने से बचाये , रोटी ,कपडा और उनके स्वास्थ्य की ओर भी जरा ध्यान दे क्योंिक एक महिला होने  के नाते आप उनके दर्द को भली भांति समझ सकती हैं. 

इसके साथ ही हर राज्य की सरकार को भी अपने राज्य में कुछ ऐसा करना चाहिये जिससे  विधवा अपने ही राज्य में अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें साथ में ऐसे भी कुछ नियम बनाये कि उनके बेटे उनके साथ अच्छा व्यवहार करें नही तो सरकार उनके खिलाफ जुर्माना करें।  कुछ सख्त कानून बनाने की जरूरत है। नही तो कहाँ जाकर अपना जीवन जीये ये महिलायें। 

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