Wednesday, December 4, 2013

फिर क्यों हम भी उन्हें देखें

हिंदी फिल्मों से जुड़े अभिनेता - अभिनेत्री, गायक - गायिका, निर्देशक अक्सर ही यह कहते हैं कि वो हिंदी फ़िल्में नही देखते क्योंकि अपने ही साथ काम करने वाले अभिनेता - अभिनेत्रियों से हम  क्या सीख सकते हैं जबकि हॉलीवुड की फ़िल्में देख कर वहाँ के कलाकारों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. पिछले दिनों करीना कपूर का यह बयान आया कि "बहुत दिनों से उन्होंने कोई भी हिंदी फ़िल्म नही देखी यहाँ तक की 'बर्फी' फ़िल्म भी नही देखी जिसमें अभिनेता रणवीर कपूर के अभिनय की बहुत तारीफ हुई थी। हिंदी फ़िल्में इसलिए नही देखी क्योंकि सैफ अली का कहना है कि हिंदी फिल्मों से हम क्या सीख सकते है? "
इसी तरह शाहरुख़ खान भी कहते है कि वो खुद की भी कोई फ़िल्म नही देखते यहाँ तक की उन्होंने अपनी हिट फ़िल्म "कल हो न हो" अपनी बेटी के  साथ १० साल बाद देखी और इस फ़िल्म को देखकर हम खूब रोये भी." क्या सच में ऐसा सम्भव है कि कोई कलाकर अपनी फ़िल्म भी नही देखता। 
इसी तरह लोकप्रिय गायक कैलाश खेर भी फरमाते हैं,"मैं बॉलीवुड संगीत ज्यादा नही सुनता, हालांकि मैं भारतीय संगीत सुनता हूँ। " 
हिंदी फिल्मों में काम करते हैं वही से इनकी रोज़ी रोटी चलती है हिंदी फिल्मों में काम करने की वजह से वो देश विदेश में लोकप्रिय हैं।

उनकी फ़िल्में देख - देख कर दर्शक उनके दिवाने बनते हैं और ये लोग हिंदी फ़िल्में देखना तो दूर हिंदी बोलते भी नही. उनके लिए संवाद भी रोमन भाषा में लिखे जाते हैं. यह बात सिर्फ इन २ - ३ कलाकारों के बारें में नही है बल्कि अधिकतर हिंदी फिल्मों के सभी कलाकारों के बारे में हैं। 
जब वो खुद अपनी फ़िल्में नही देखते , संगीत नही सुनते तो कहीं ऐसा न हो उनके प्रशंसक उनकी बात मानकर ऐसा ही न करने लगे , सोचो अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा ?

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