पिछले दिनों फिल्म रिलीज़ हुई "सरबजीत ". इस फिल्म को लेकर बहुत चर्चा हो रही है कुछ लोगों ने इसे पसंद किया और कुछ लोगों ने इसे नकार दिया यह कर कि इस फिल्म का नाम तो दलबीर होना चाहिए साथ ही दलबीर का किरदार अभिनीत करने वाली अभिनेत्री ऐश्वर्या रॉय बच्चन के अभिनय को भी। कोई कह रहा है उन्होंने अभिनय अच्छा नहीं किया , कोई कह रहा है पंजाबी अच्छी नहीं बोली और भी बहुत कुछ। हो सकता है फिल्म में कुछ खामियाँ होंगी लेकिन हम निर्देशक उमंग कुमार , ऐश्वर्या बच्चन, रणदीप हुडा और ऋचा चड्डा के इस प्रयास को सराहे बिना रह सकते कि उन्होंने अपने अभिनय के द्वारा उस सीधे सादे आम इंसान सरबजीत के जीवन पर बनी फिल्म में अभिनय किया।
सरबजीत कोई अमीर परिवार का लड़का नहीं था एक किसान था जो पंजाब के एक छोटे से गाँव में अपने परिवार के साथ रहता था एक रात शराब के नशे में कैसे वो कुछ कदम पाकिस्तान में रख देता है और क्या हो जाता है उसके बाद ? उस पर एक आतंकवादी का इल्जाम लगा कर उसे फांसी की सज़ा सुना दी जाती है उसे उस गलती की सज़ा मिलती है जो की उसने की ही नहीं। २३ साल वो पाकिस्तान की जेल में बिता देता है और जब बहन दलबीर के प्रयासों से जब उसे भारत आना होता है उसी रात पाकिस्तान की जेल में उस पर बेदर्दी के साथ हमला होता है और कुछ दिन पाकिस्तान के हॉस्पिटल में रहने के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है। एक आम आदमी और उसके परिवार की असली कहानी है सरबजीत की कहानी। सोचो क्या बीती होगी सरबजीत के परिवार पर जब कई सालों उसका पता ही नहीं चला कि वो कहाँ है और सरबजीत पर कि उसकी पहचान ही बदल गयी किसी दूसरे व्यक्ति की गलती की सज़ा उसने भुगती और हमारी भारत सरकार कुछ कर ही नहीं सकी।
रणदीप ने सरबजीत के किरदार को जिया बहुत ही उम्दा अभिनय। उस किरदार को परदे पर अभिनीत किया जिसका शायद कोई वीडियो भी उसने देखा नहीं होगा। क्योंकि शायद ही सरबजीत का कोई वीडियो होगा। ऐश्वर्या ने सरबजीत की बहन दलबीर का किरदार निभाया उस बहन की जिंदगी परदे पर दिखाई जिसने अपने भाई के जीवन को बचाने की कोशिश की लेकिन फिर भी असफलता ही उसके हाथ लगी। ऋचा चड्डा ने उस पत्नी का किरदार बहुत ही ख़ूबसूरती के साथ निभाया जिसका पति दो छोटी बच्चियों को छोड़कर ऐसा गया कि कभी लौट कर आया ही नहीं आया तो उसका पार्थिव शरीर।
पिछले दिनों ऐश्वर्या की पर्पल लिपस्टिक , फिल्म के प्रीमियर पर अभिषेक का उसका अकेला छोड़ जाना आदि विषयों पर तो निरर्थक बातें हुई पर उस पर एक भी लाइन नहीं लिखी गयी जिसे उसने ख़ूबसूरती से निभाया।
शायद ही इस फिल्म को लेकर किसी नेता मंत्री या सरकार ने कहा होगा की इस फिल्म टैक्स फ्री किया जाना चाहिए। हाँ सरबजीत कोई खिलाड़ी , शहीद नहीं था लेकिन एक आम इंसान था जिसने एक छोटी सी गलती की नशे में वो पाकिस्तान की सीमा में चला गया और पाकिस्तान ने उसके साथ क्या किया ?
No comments:
Post a Comment