Saturday, January 13, 2018

देश के सम्मान में खड़े होने में शर्म क्यों

लोगों को बहुत तकलीफ थी कि थियेटर में फिल्म शुरू होने से पहले क्यों राष्ट्रगान क्यों बजाते हैं ? लोगों को बहुत परेशानी होती थी कुछ सेकेण्ड के लिए देश के सम्मान में खड़े होने में। लोगो की परेशानी को देखते हुए  सुप्रीम कोर्ट ने भी  कहा कि "देशभक्ति साबित करने को सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने की जरूरत नहीं है। " कई बड़े लोगों ने कहा कि ,"हम लोगों को देश भक्ति करना सिखा नहीं सकते। " मेरा यह कहना है कि ," स्कूलों में हम बच्चों को पढ़ना - लिखना ,बड़ो का आदर करना सिखाते हैं तो ऐसे ही जिन्हे देशभक्ति करनी नहीं आती उन्हें देश भक्ति सिखाने में क्या बुराई है।  कुछ लोग चीजें जल्दी सीख जाते हैं कुछ लोग देर से सीखते हैं लेकिन सीखते सभी हैं। 

अगर हम अपने देश का सम्मान करते हैं तो उसके सम्मान में खड़े होने में शर्म क्यों महसूस करते हैं ? अपने  देश के सम्मान में वन्दे मातरम बोलने क्या परेशानी  है ?  हम अपने घर के बड़े , बुजुर्ग, माँ, पिता , गुरु के सम्मान में खड़े होते हैं ,उनके प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिये चरण स्पर्श करते हैं।  तो देश के प्रति यह आस्था, यह जज्बा क्यों नहीं दिखाते ?  अगर हमारे मन में इसके लिए प्यार है, गर्व है सम्मान है तो इसके दिखाने में  क्यों झिझकते हैं , इसके लिए बड़ी - बड़ी बहस करते हैं , कोर्ट - कचहरी करते हैं , कहते हैं मन में सम्मान हैं लेकिन सबको दिखाने में हर्ज़ समझते हैं।  
मन में है प्यार - सम्मान दिखाना नहीं चाहते तो यही भाव  हमें अपने  घर - परिवार, दप्तर, स्कूल में भी लागू करना चाहिए। कहते हैं ना कि दिल और मन किसने देखा है ,जुबाँ के कहने से ही समझ में आता है कि इंसान के दिल में क्या है ? 
तो देश के लिए जो भी आपके मन में प्यार सम्मान है और दिखायें। 


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